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Showing posts from April, 2010

आपबीती

हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था. मेरी हड्डी वहाँ टूटी, जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.  मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला, उसका पेट्रोल ख़त्म था. मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया, क्योंकि उसका किराया कम था. मुझे डॉक्टरोंने उठाया, नर्सों में कहाँ दम था.  मुझे जिस बेड पर लेटाया, उसके नीचे बम था. मुझे तो बम से उड़ाया, गोली में कहाँ दम था.  मुझे सड़क में दफनाया क्योंकि कब्रिस्तान में  जश्न था।  हिजडे़ वो नहीं जो साडी़ पहनकर ताली बजाते घूमते रहते है ,  हिजडे़ वो है जो सरकार के पक्षपाती  गलत निर्णय का विरोध करने के बजाय ताली बजाते है ।  नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना, अगर काम पड़े तो याद करना, मुझे तो आदत है आपको याद करने की, अगर हिचकी आए तो माफ़ करना....... दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है  कभी दूर तो कभी क़रीब होते है।  दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है...... लड़की की हल्की सी मुस्कुराहट को प्यार का एहसास समझ लेते है ये वही लोग है साहेब,  जो शौचालय को विकास समझ लेते है।  एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,  हर चीज़ का हिस