हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी, जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला, उसका पेट्रोल ख़त्म था.
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया, क्योंकि उसका किराया कम था. मुझे डॉक्टरोंने उठाया, नर्सों में कहाँ दम था.
मुझे जिस बेड पर लेटाया, उसके नीचे बम था.
मुझे तो बम से उड़ाया, गोली में कहाँ दम था.
मुझे सड़क में दफनाया क्योंकि कब्रिस्तान में
जश्न था।
हिजडे़ वो नहीं जो साडी़ पहनकर ताली बजाते घूमते रहते है , हिजडे़ वो है जो सरकार के पक्षपाती गलत निर्णय का विरोध करने के बजाय ताली बजाते है ।
नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना, अगर काम पड़े तो याद करना, मुझे तो आदत है आपको याद करने की, अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......
दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है।
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है......
लड़की की हल्की सी मुस्कुराहट को
प्यार का एहसास समझ लेते है
ये वही लोग है साहेब,
जो शौचालय को विकास समझ लेते है।
एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर..
आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास की तर्ज पर सारा वक्त नाटक वालों के साथ बीता
इस तरह एक खुशहाल जीवन का सत्यानाश हो गया।
बड़े के हिस्से में दौलत छोटे के हिस्से में महतारी आई।मैं तीसरा था मेरे हिस्से दुनिया भर की ज़िम्मेदारी आई
बड़े के हिस्से में दौलत छोटे के हिस्से में महतारी आई।मैं तीसरा था मेरे हिस्से दुनिया भर की ज़िम्मेदारी आई
परिवार और समाज दोनो ही बर्बाद होने लगते हैं
जब समझदार मौन और नासमझ बोलने लगते है।
जुनून आपसे वो करवाता है, जो आप नहीं कर सकते!
हौसला आपसे वो करवाता है, जो आप करना चाहते है!
अनुभव आपसे वो करवाता है, जो आपको करना चाहिए!
खूबी और खामी दोनो ही होती है आदमी में आप क्या तलाशते हो आप पर निर्भर है
जुनून आपसे वो करवाता है, जो आप नहीं कर सकते!
हौसला आपसे वो करवाता है, जो आप करना चाहते है!
अनुभव आपसे वो करवाता है, जो आपको करना चाहिए!
खूबी और खामी दोनो ही होती है आदमी में आप क्या तलाशते हो आप पर निर्भर है
ग़लत का विरोध हमेशा खुल कर कीजिये,
कोई भी उदाहरण उठा लीजिये।
इतिहास टकराने वाले का लिखा जाता है,
तलवे चाटने वालो का नही।
मूर्खों से विनम्रता और कुटिलों से प्रेम मत कीजिये
हानि के अलावा कुछ नही हासिल होगा।
इतिहास टकराने वाले का लिखा जाता है,
तलवे चाटने वालो का नही।
मूर्खों से विनम्रता और कुटिलों से प्रेम मत कीजिये
हानि के अलावा कुछ नही हासिल होगा।
बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है|
मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है| जीवन में समय-समय पर चुनौतियों एंव मुसीबतों का सामना करना पड़ता है एंव यही जीवन का सत्य है| एक शांत समुन्द्र में नाविक कभी भी कुशल नहीं बन पाता
आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (24 घंटे) मिलता है जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है|
बात कड़वी है पर सच है; लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है;
यदि लोग सच में साथ होते तो संघर्ष, की जरुरत ही नहीं पड़ती.
आईना होती है यह जिंदगी, तू मुस्कुरा,
वो भी मुस्कुरा देगी!
केवल ज्ञान ही एक ऐसा अक्षर तत्त्व है, जो कहीं भी,
किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नही छोड़ता
नहीं मांगता ऐ खुदा की जिंदगी सौ साल की दे!
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दें….
खुश रहने का मतलब ये नहीं कि
सब कुछ ठीक है
इसका मतलब ये है कि आपने
आपके दुखों से ऊपर उठकर जीना सीख लिया है
मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है| जीवन में समय-समय पर चुनौतियों एंव मुसीबतों का सामना करना पड़ता है एंव यही जीवन का सत्य है| एक शांत समुन्द्र में नाविक कभी भी कुशल नहीं बन पाता
आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (24 घंटे) मिलता है जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है|
बात कड़वी है पर सच है; लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है;
यदि लोग सच में साथ होते तो संघर्ष, की जरुरत ही नहीं पड़ती.
आईना होती है यह जिंदगी, तू मुस्कुरा,
वो भी मुस्कुरा देगी!
केवल ज्ञान ही एक ऐसा अक्षर तत्त्व है, जो कहीं भी,
किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नही छोड़ता
नहीं मांगता ऐ खुदा की जिंदगी सौ साल की दे!
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दें….
खुश रहने का मतलब ये नहीं कि
सब कुछ ठीक है
इसका मतलब ये है कि आपने
आपके दुखों से ऊपर उठकर जीना सीख लिया है
nice
ReplyDeleteThanks
Deleteहा हा!
ReplyDeleteइन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
ReplyDeleteMazedaar!
ReplyDeleteha ha ha
ReplyDeleteराजीव जी की जै हो
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता पुरी जी।
Deleteमनोबल आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteधन्यवाद जी
ReplyDeleteBhaiya mere par kab dhyan doge
ReplyDeleteकब ध्यान देने भैया
Delete