Skip to main content

चैप्लिन



जब कभी चार्ली चैपलिन का जिक्र करते हैं तो ऐसे शख्‍स की याद आती है, जिसने पूरी जिंदगी हमें हंसाने में गुजार दी. मगर चार्ली की अहमियत यहीं तक सीमित नहीं. उनकी बातें और जीवन को समझने का नजरिया हमें जिंदगी को 
आसान बनाने का तरीका सिखा देता है.चैप्लिन के पिता,
 चार्ल्स चैप्लिन सीनियर, एक शराबी थे और अपने बेटे के साथ 
उनका कम संपर्क रहा,चार्ली जब महज पांच साल के थे तब एक बार उनकी मां स्टेज पर गाना गा रही थीं. उसी समय गले की एक बीमारी के कारण उनकी आवाज बंद हो गई और वो आगे नहीं गा पायीं. इससे वहां मौजूद दर्शक बेहद नाराज हुए और जोर जोर से चिल्लाने लगे. कॉन्सर्ट के मैनेजर ने पांच साल के चार्ली को मंच पर भेज दिया. छोटे से चार्ली ने अपनी मासूम सी आवाज में अपनी मां का ही गाना गया. इससे वहां मौजूद दर्शक बहुत खुश हुए और सिक्कों की बारिश कर दी।

 अपनी ज्यादातर फिल्मों में ट्रैंप नाम का किरदार अदा करते थे. माना जाता है कि ये किरदार उनका अपना ही अतीत था जिसे उन्होंने अपने मुफलिसी के दौर में जिया था. इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि उस दौर में जब पूरा यूरोप आर्थिक महामंदी की तबाही से गुजर रहा था, चारों ओर तानाशाहों काआतंक था ऐसे वक्त में चार्ली ने हास्य को अपना हथियार बनाया. चार्ली ने लोगों को सिखाया कि डर को हास्य से हराया जा सकता है.


1. मेरी जिंदगी में बेशुमार दिक्‍कतें हैं लेकिन यह बात          मेरे   होंठ नहीं जानते. वो सिर्फ मुस्‍कुराना जानते हैं.

2. मैं सिर्फ एक चीज बनकर रहना चाहता हूं और वो है       मसखरा ये चीज मुझे नेताओं से कहीं ऊंचा दर्जा            देती है.

3. बड़े दिलवालों के साथ दुनिया अक्‍सर बुरा व्‍यवहार         करती है.

4. आईना मेरा सबसे अच्‍छा दोस्‍त है क्‍योंकि जब मैं             रोता  हूं तो वो कभी नहीं हंसता.

5. जिस दिन आप हंसते नहीं वो दिन बेकार चला जाता      है.

6. इस अजीबोगरीब दुनिया में कोई चीज स्‍थाई नहीं है.       हमारी मुश्किलें और मुसीबतें भी नहीं .

7. एक इंसान का असली चरित्र केवल तभी सामने             आता है जब वो नशे में हो.

8. नाकामी को ज्‍यादा तरजीह नहीं दी जानी चाहिए          क्‍योंकि खुद का मजाक बनाने के लिए काफी हिम्‍मत      की जरूरत होती है.

9. हम सोचते कहीं ज्‍यादा हैं और महसूस काफी कम        करते हैं.

10. चार्ली चैप्लिन की जिंदगी का फलसफ- मेरा दर्द            किसी के लिए हंसने की वजह हो सकता है, पर            मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द की वजह नहीं              होनी  चाहिए.

Comments

Popular posts from this blog

आपबीती

हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था. मेरी हड्डी वहाँ टूटी, जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.  मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला, उसका पेट्रोल ख़त्म था. मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया, क्योंकि उसका किराया कम था. मुझे डॉक्टरोंने उठाया, नर्सों में कहाँ दम था.  मुझे जिस बेड पर लेटाया, उसके नीचे बम था. मुझे तो बम से उड़ाया, गोली में कहाँ दम था.  मुझे सड़क में दफनाया क्योंकि कब्रिस्तान में  जश्न था।  हिजडे़ वो नहीं जो साडी़ पहनकर ताली बजाते घूमते रहते है ,  हिजडे़ वो है जो सरकार के पक्षपाती  गलत निर्णय का विरोध करने के बजाय ताली बजाते है ।  नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना, अगर काम पड़े तो याद करना, मुझे तो आदत है आपको याद करने की, अगर हिचकी आए तो माफ़ करना....... दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है  कभी दूर तो कभी क़रीब होते है।  दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है...... लड़की की हल्की सी मुस्कुराहट को प्यार का एहसास समझ लेते है ये वही लोग है साहेब,  जो शौचालय को विकास समझ लेते है। ...

Waiting for quinowin

जबसे होश संभाला है मुझे  पिताजी के इतना करीब रहने का मौका कभी नही मिला जितना कि पिछले पांच छः महीने  से मिला है। वैसे भी हमारा रिश्ता साजन फ़िल्म के कादर खान और सलमान भाई वाला बिल्कुल नही है। शेर के सामने बकरी वाला  है। पर  जबसे कोरोना का संकट आया है वो काफी पोजेटिव रहते हैं और मेरे कहानी में दिलचस्पी को देखते हुए प्रोटोकॉल तोड़कर रोज कुछ न कुछ सुनाते रहते हैं । कभी मुहावरा फेंक देते हैं तो कभी इमरजेंसी के  किस्से सुनाने लगते है। बेचारे करे भी तो क्या बंद कमरे में और तो कोई मिल नही  रहा जिससे वो कुछ बतिया सके। मेरे साथ उन्हें भी कैद मिल गई है । दीवाली के बाद किसी कारण से घर गया था वापसी में मम्मी पापा भी आ गए और तब से यहां फंसे हुए हैं ।  रोज शाम को पापा जी पुराने किस्से सुनाते रहते है।    कभी सिमरिया में गंगा पर राजेंद्र पल बनने की कहानी कि जब नेहरू जी पुल का उद्घाटन करने आये थे तब कैसी भगदड़ मची थी और कितने लोग उस भीषण गर्मी में पानी के बिना मर गए थे ।  इतनी भीड़ थी कि पानी ब्लैक में बिक रहा था फिर पुल बनने का दुष्परिणाम-  गंगा की धार...